जेनसोल इंजीनियरिंग में भारी गिरावट, विजय केडिया ने कहा ‘कई जेनसोल अभी भी अलमारी में छिपे हुए हैं’

Gensol Engineering fraud : अमेरिकी टैरिफ की वजह से दुनिया भर के शेयर बाजारों में अस्थिरता का माहौल है। इस मार्केट में कुछ विशेष शेयरों पर निवेशकों की खास नजर है, जिनमें से एक जेनसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering Share Price) भी है। कंपनी में वित्तीय अनियमितताओं के खुलासे के बाद इस शेयर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। स्थिति यह है कि पिछले एक महीने में यह शेयर लगभग 52% तक गिर चुका है। आरोप है कि कंपनी के प्रमोटरों ने कारोबारी लोन की राशि का इस्तेमाल अपने निजी कार्यों के लिए किया। इस मामले में बाजार नियामक सेबी (SEBI) के हस्तक्षेप के बाद खबरों ने और जोर पकड़ लिया है।

ब्लूस्मार्ट ने सर्विसेज की बंद

 ब्लूस्मार्ट का ऑपरेशन बंद: क्या ये शुरुआत है? जेनसोल इंजीनियरिंग द्वारा समर्थित राइड-हेलिंग स्टार्टअप ब्लूस्मार्ट ने दिल्ली-एनसीआर और बैंगलोर जैसे बड़े शहरों में अपना कामकाज बंद कर दिया है. इस खबर के बाद, बाजार के जाने-माने विशेषज्ञ विजय केडिया ने सोशल मीडिया पर अपनी राय व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि जेनसोल इंजीनियरिंग अकेली ऐसी “धोखेबाज” कंपनी नहीं है; ऐसी कई अन्य कंपनियां हैं जिनका पर्दाफाश जल्द ही होगा. 

मशहूर निवेशक विजय केडिया ने एक सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा है कि जेनसोल इंजीनियरिंग जैसी कई और कंपनियां बाजार में मौजूद हैं, जो वित्तीय घोटाले कर रही हैं। केडिया का मानना है कि अभी कई ऐसी संस्थाएं हैं जिनका खुलासा होना बाकी है। माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने चेतावनी देते हुए लिखा कि अभी भी कई “जेनसोल” अलमारी में छिपे हुए हैं, जो सही समय का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे बाहर आ सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि तब तक बहुत देर नहीं हो जाएगी। दिग्गज निवेशक ने कॉरपोरेट धोखाधड़ी वाली कंपनियों की पहचान करने के लिए 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी साझा किया है, ताकि निवेशकों को ऐसी कंपनियों से बचाया जा सके। यह खुलासा निवेशकों के लिए एक चेतावनी है और उन्हें बाजार में निवेश करते समय सतर्क रहने की सलाह देता है।

  • ऐसी कंपनियां जो बिना किसी ठोस आधार के बड़े-बड़े दावे करती हैं, उनसे सावधान रहें।
  • जो कंपनियां तथ्यों पर ध्यान देने की बजाय सिर्फ़ न्यूज़ कवरेज, सोशल मीडिया और इंटरव्यू के माध्यम से मीडिया में बनी रहती हैं, उन पर संदेह करें।
  • वास्तविकता से ज़्यादा दिखावा करने वाली कंपनियों से सतर्क रहें।
  • यदि किसी कंपनी के पास खर्च करने का कोई स्पष्ट उद्देश्य नहीं है और वह लगातार फ़ंड जुटाती रहती है, तो यह चिंताजनक हो सकता है।
  • जो कंपनियां सिर्फ़ चर्चा में बने रहने के लिए अलग-अलग व्यवसायों में शामिल होती हैं, उन पर ध्यान दें।
  • बिना किसी वास्तविक नवाचार के “एआई-पावर्ड” या “नेक्स्ट जेन” जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना संदिग्ध हो सकता है।
  • कंपनी के प्रदर्शन के अनुरूप न होने वाली शानदार जीवनशैली का प्रदर्शन करना एक खतरे का संकेत है।
  • प्रमोटरों द्वारा किए गए अवास्तविक वादों पर विश्वास न करें।
  • CFO, ऑडिटर्स और अन्य CXOs जैसे महत्वपूर्ण कर्मचारियों का लगातार कंपनी छोड़ना चिंता का विषय है।
  • प्रमोटरों या उनके रिश्तेदारों की अन्य कंपनियों के साथ बहुत अधिक लेनदेन होना धोखाधड़ी का संकेत हो सकता है।

विजय केडिया ने निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि इन 10 संकेतों के अलावा भी धोखाधड़ी के कई अन्य संकेत हो सकते हैं। इसलिए, हमेशा जानकारी रखें और सावधानी बरतें।

क्या है Gensol Engineering से जुड़ा मामला?

जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर जून 2024 में तब चर्चा में आए जब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास कंपनी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई। शिकायत में जेनसोल पर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की खरीद के लिए लिए गए 200 करोड़ रुपये के ऋण को दूसरी जगह मोड़ने का आरोप लगाया गया था। आरोप है कि प्रमोटरों, अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने, ब्लूस्मार्ट के लिए ईवी खरीदने के लिए ऋण पर ली गई राशि का उपयोग घर खरीदने और अन्य व्यक्तिगत कार्यों के लिए किया। बाजार नियामक सेबी ने इस मामले पर तुरंत और कड़ी कार्रवाई की। सेबी ने प्रमोटरों अनमोल और पुनीत पर अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अतिरिक्त, उन्हें कंपनी में निदेशक या कोई अन्य महत्वपूर्ण पद संभालने से भी रोक दिया गया है। इन घटनाओं के बाद आज सुबह स्वतंत्र निदेशक अरुण मेनन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

शेयर में तेज करेक्शन जारी

 जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर की कीमत में आज, 17 अप्रैल को भी गिरावट जारी रही। BSE पर यह 5% के लोअर सर्किट के साथ 117.50 रुपये पर आ गया, जो कि पिछले एक सप्ताह में 16% की गिरावट दर्शाता है। शेयरों में यह गिरावट हाल ही में CARE और ICRA द्वारा कंपनी की क्रेडिट रेटिंग को डाउनग्रेड करने के बाद शुरू हुई है। दोनों एजेंसियों ने जेनसोल इंजीनियरिंग की क्रेडिट रेटिंग को घटाकर ‘D’ कर दिया है। यह फैसला कंपनी पर कर्ज चुकाने से संबंधित कथित फर्जी दस्तावेजों को जमा करने के आरोपों के कारण लिया गया है।